Friday, November 16, 2012

सुप्रभात गीत ..........शुभ दिन मंगलम


आओ कुछ गुनगुनाएं 
कुछ मुस्कराएं
गीत कोई नया गायें 
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क्या अद्भुत नज़ारा है 
सुबह का उजाला है 
प्रकृति ने देखो आज कैसा 
चित्र बना डाला है 
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खुद-बा-खुद संगीत हो गयी है प्रकृति
कितनी रंगीन हो गयी है कलाकृति 
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यह कुछ और नहीं आप को
सुप्रभात कहने  का एक 
नया अंदाज़ है 
देखो फिर हो गया 
एक नये दिन का 
आगाज़ है 
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धन्यवाद् दें आओ 





उस ईश्वर  को जिसने हमारे लिए 
ही दुनिया इतनी खूबसूरत बनाई है 
बधाई हो-बधाई हो 




आप को नए मंगलमय दिन की बधाई हो 
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नया  दिन आप के लिए नई नई सौगातें लाये 
आपके जीवन को महकाए 
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हर पल खुशी से भर जाए 
शुभ दिन मंगलम 

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