Monday, August 27, 2012

सुप्रभात










हर  पल  नया  हो ....
हर  सांस ...महका  जाए ....
नयी  उमंग  की  खुशबू ....
आपके  दिल  में  समा  जाए ....


सब  राज़....जो
बन्द  मुट्ठी  में  हैं ....
बन्द ....



उनसे
नये नये
तोहफे मिलें
वा नये नये द्वार खुल  कर
आपको
नये नये
आयामों तक पहुंचाए


नयी  आशाओं  की  ज्योति
आप  के  इस  दिन  को
महका  दे
.
.
और  आप  कह  उठें
आज  का  दिन
मेरी  ज़िन्दगी  का
सबसे  बढ़िया  दिन  है
.
.
.
.और
.
.
भूल  जाएँ
कि
आने  वाले  दिनों  में
आप  को
.
.
आज  से  भी
बेहतर  मिलने  वाला  है
.
.
.
सुप्रभात.
.
की
.
सुमंगल
.
.
.
कामनाएँ



Sunday, August 26, 2012

माँ तेरी इज्ज़त को चार चाँद लगायेंगे ................स्विस में पड़ा सारा धन वापिस यहाँ लायेंगे



खून  दे  के  ली  है  आज़ादी  माँ तेरी
बर्बाद  हुई  थीं बहुएं और  मातायें  घनेरी
उन  के  पतियों  और  पुत्रों  के  गुण  नित्त  हम  गायेंगे
माँ  तेरी  इज्ज़त  को  चार  चाँद  लगायेंगे

अनाथ  उनके  थे  पुत्र  और  पुत्त्रियाँ  हुए
जिन्होंने  तेरी  खातिर  माँ  मौत  के
होंठ  थे  छुए
इतनी  महंगी आज़ादी  को   हम  बर्बादी  न  बनायेंगे
माँ  तेरी  इज्ज़त  को  चार  चाँद  लगायेंगे


जो  तूफ़ान  ये  चला  है  धोखे  और  फरेब  का
बेडा  गर्क  इस  ने  कर  दिया  है  कौम  और  देश  का
इस  तूफ़ान  का  बेडा  गर्क  हम  ही  कराएँगे
माँ  तेरी  इज्ज़त  को .........................

जो  यह  बढ़ती महंगाई  और  घटती  इंसान  की  कीमत  है
बढ़ाती  बेकारी  और  घटाती सच  की   फ़ितरत है
जो  माँ  हो  सिर पे  तेरा  हाथ  तो  हम  इस  को  मिटायेंगे
माँ  तेरी इज्ज़त .................


फिर  होगा  यहाँ  सुख  और  होगी  सच्चाई
भागेंगे  सभी  दुःख  और  बाजेगी  शैहनाई
जल्द  इस  देश  मैं  हम  राम-राज्य  लायेंगे
माँ  तेरी ...............


नेता  जो  बैठे  हैं  जमाये  कुर्सी  पे  आसन
इक -इक का  चलता  है  बरसों  तक  शासन
इस  उल्टी  रीत  को  हम  खत्म  करायेंगे
माँ  तेरी.....................


होती  ज्यूं  है  घोड़े  पर  कसी हुई  काठी
चलती  है  गरीब  पर अमीर  की  यूं  लाठी
इस  लाठी  के  हम  टुकड़े  करवाएंगे
माँ  तेरी .............





अधिक  खोजें  कर  कर  के  हम
नए  आयाम   पायेंगे
मुश्किल  हल  जो  परिवार  नियोजन  से  न  हो  सकी
अधिक  उत्पादन  व  चरित्र  से
वोह  गुत्थी  सुलझाएंगे
माँ  तेरी ......................






सारा  अपव्यय  रोक  के  हम  पैसा  देश  का  बचाएँगे
स्विस  में  पड़ा  सारा  धन  वापिस  यहाँ  लायेंगे
और  फिर  वही  धन  देश  की  तरक्की  में  लगायेंगे
पिछड़े  इलाकों  को  हम  उन्नत  बनायेंगे
माँ  तेरी .......................



तन, मन  और  धन  देश  की  सेवा  में  लगायेगे
जो  वक़्त   आन  पड़ा  तो  जान  भी  लुटाएँगे
"घायल"' इस  देश  को  हम  स्वर्ग  बनायेंगे
माँ  तेरी  इज्ज़त  को  चार  चाँद  लगायेंगे

Saturday, August 25, 2012

"स्वाल किसी के ....जवाब हमारे "




कोई  तो  हो  ऐसा 
जो  सिर्फ  मेरा  हो ...


मांगो  जो  जान  तो  जान  दे  देंगे 
अपना  जो  बना  लोगे 
तो  जहां  हम  दे  देंगे 



बातों में  उसकी  खुशबु  हो 
दिल  में  उसके  बसेरा  हो 


खुशबू  ऐसी  आयेगी 
हमारे  लबों  के  अल्फाजों  से 
जो  दिल तो  क्या 
आत्मा  में  बस  जायेगी 


चाहे  तो  चाहत  मेरी 
मांगे  तो  मोहब्बत  मेरी 




तेरी  चाहत  चाहने  वाला  तो  कोई
खुदगर्ज़  ही  होगा 
तेरी  मोहब्बत  माँगने  वाला 
कोई  भिखारी  से  कम  क्या  होगा 

हम  तो  वोह  हैं 
जो  चाहत  तेरी  बन  जायेंगे 
माहौल  ऐसा  बना  देंगे 
कि
बिन  मागे  ही  मोहब्बत  तेरी  पायेंगे 



वो  चाँद  की  चांदनी  हो  तो 
चाँद  सिर्फ  मेरा  हो 


चाँद  की  चांदनी 
तो  सूरज  से  लिया  उधार  है 
रवि  यानी  सूरज  हूँ  मैं 
जो  सिर्फ  तेरा  प्यार  है 



वो  दिन  की  रौशनी  हो  तो 
सूरज  सिर्फ  मेरा  हो 

दिन  की  रौशनी  तो  मुझ  से  
यानी 
सूरज  से  होती  ही  है 

पर  इक  बात  यह  भी  है 
कि
रोशनी  ही  रोशनी  हो  जायेगी 
बस 
"इश्क  को  दिल  मैं  बसा  के  देखिये "




वो  फूलों  की  खुशबु  हो  तो 
एहसास  सिर्फ  मेरा  हो 


खुशबू  होने  से  
एहसास  की  क्या  ज़रुरत  है 
खुद  बा  खुद  
नाक  में  
नस-नस  
में 
बस  
जायेगी

मज़ा  तो  तब  आता  है 
जब ..कुछ  भी  ना  हो 
और एहसास  हो  जाए 


वो  रात  का  उजाला  हो  तो 
चिराग   सिर्फ  मेरा  हो 


रात  के  उजाले  मैं 
चिराग  क्या  देगा ...
ज़रा  सा  हवा  का  झोंका  
उस -को  बुझा  देगा 

हम  जुगनू  हैं 
जिसे  ना  तेल  ना  बाती चाहिए 
हवा  के  झोंके 
हमें  बुझा  ना  सकें 

मांगना   ही  है  अगर  खुदा  से 
तो मांग  लो  हम  को 
जीवन  जग-मग ...जग-मग  हो  जाएगा 




वो  इश्क  और  मोहब्बत  हो  तो 
दिल  सिर्फ  मेरा  हो 


दिल  क्या  ख़ाक  इश्क  करेगा
जो  पल  में  टूट  जाता  है 
इश्क  मोहब्बत ...रूहानियत  का 
असल  में 
आत्मा  से  नाता  है 


वो  पानी  का  छींटा हो  तो 
दरिया  सिर्फ  मेरा  हो 


जल  में 
मीन  प्यासी ..
मुझे  देख  के  
आवत  हासी
कतरा-कतरा  जल  
दरिया  बन  जाता  है 
जो  समंदर  में  समा कर  
खारा  पानी 
कहलाता  हैं 
किसी  की  
प्यास  नहीं  बुझा  पाता  है 

प्यार  करना  हो 
चाहत  पालनी  हो  
तो  "ओस " की  पालो 

किसी  ने  कहा है 
बूँद  जो  बन  गयी  मोती 
वोह  ओस  की  बूँद 
ग़र  मिल  जाए 
तो  सारा  सागर 
भी 
उसके  आगे 
नग्गन्य है 

वो  किस्मत  की  लकीर  हो  तो 
हाथ  सिर्फ  मेरा  हो .
कोई  तो  हो  ऐसा ....




हाथों  की  लकीरों  में 
कोई  तकदीर  क्या  लिखेगा 
हम  वोह  हैं  जो  अपनी  मर्ज़ी  से 
लकीरें  बना  सकते  हैं 

विक्रमादित्य  की  तरह 
लिखी  लकीरों  को  मिटा  सकते  हैं 
अपनी  तकदीर  खुद  बना  सकते  हैं 

तुम -ने  हाथ  ही  माँगा  है 
सारा  का  सारा  जिस्म 
तुम  पे  लुटा  सकते  हैं 


मुझे  कुछ  कहना  है 
किसे  कहूं 
कैसे  कहूं 
किन  अलफ़ाज़  से  कहूं 

जज़्बात ...l
लफ़्ज़ों  के  मोहताज़  नहीं 
तो  जज्बातों  को  बयान 
कैसे  करूँ 

इक  शोख  हसीं ....
मुकाम  आया  है 
जेहन  में 
तेरा  नाम  आया  है 

डरता  हूँ  लब तक  लाने  से 
सुन  कर  तुम्हारे  रूठ  जाने  से 
कैसे  तुम्ही  से 
तुम्ही  की  बात  कहूं 

किसे  कहूं 
कैसे  कहूं 
किन  अलफ़ाज़  से  कहूं 

मेरे लिए तो आज के भगवान तुम ही होगे


Monday, August 20, 2012

You will find more in woods
than in books. The trees and
rocks will teach you things that
no teacher will tell you.

यह मेरा पसंदीदा माया Angelou कविता है। यह महिलाओं और पुरुषों जो उन्हें प्यार करती हूँ के लिए है।
अभूतपूर्व औरत
माया Anjelou द्वारा
सुंदर महिलाओं आश्चर्य जहां मेरे रहस्य है।
मैं प्यारा या एक फैशन मॉडल आकार के अनुरूप करने के लिए निर्मित नहीं कर रहा हूँ
लेकिन जब मैं उन्हें बताने के लिए प्रारंभ करते हैं,
उन्हें लगता है कि मैं झूठ बोल रहा हूँ।
मैं कहता हूँ,
यह मेरी बाहों की पहुंच में है
मेरी कमर की अवधि,
मेरे कदम के लंबे डग मारना,
मेरे होंठ के कर्ल।
I ' ma महिला
अलग हटकर।
अभूतपूर्व औरत,
कि मुझे है।
मैं एक कमरे में चलना
बस के रूप में आप कृपया, रूप में कूल
और एक आदमी,
अध्येता खड़े या
अपने घुटनों पर गिर जाते हैं।
तब वे मेरे चारों ओर झुंड,
शहद मधुमक्खियों के एक hive.
मैं कहता हूँ,
यह मेरी आँखों में आग है,
और मेरे दाँत के फ्लैश,
मेरी कमर में झूले,
और मेरे पैर में खुशी है।
I ' ma महिला
अलग हटकर।
अभूतपूर्व औरत,
कि मुझे है।
लोग खुद को आश्चर्य है
क्या वे मुझ में देखते हैं।
वे बहुत कुछ करने की कोशिश
लेकिन वे स्पर्श नहीं कर सकते
मेरी आंतरिक रहस्य।
जब मैं उन्हें पता चलता है की कोशिश करो
वे कहते हैं कि वे अभी भी नहीं देख सकता।
मैं कहता हूँ,
यह मेरी पीठ के कट्टर में है,
मेरी मुस्कान के सूरज,
अपने स्तनों की सवारी,
मेरी शैली की कृपा।
I ' ma महिला
अलग हटकर।
अभूतपूर्व औरत,
कि मुझे है।
अब आप समझ
बस क्यों मेरे सिर झुका है नहीं।
मैं चिल्लाओ नहीं है या के बारे में कूद
या असली ज़ोर से बात करनी है।
जब तुम देखो मुझे पासिंग
यह तुम पर गर्व करना चाहिए।
मैं कहता हूँ,
यह मेरी एड़ी के क्लिक में है,
मेरे बालों के मोड़,
मेरे हाथ की हथेली,
मेरी देखभाल की जरूरत है,
क्योंकि मैं एक औरत हूँ
अलग हटकर।
अभूतपूर्व औरत,
कि मुझे है।
This is my favorite Maya Angelou poem. This is for the ladies and the men who love them.
Phenomenal Woman
By Maya Anjelou
Pretty women wonder where my secret lies.
I'm not cute or built to suit a fashion model's size
But when I start to tell them,
They think I'm telling lies.
I say,
It's in the reach of my arms
The span of my hips,
The stride of my step,
The curl of my lips.
I'm a woman
Phenomenally.
Phenomenal woman,
That's me.
I walk into a room
Just as cool as you please,
And to a man,
The fellows stand or
Fall down on their knees.
Then they swarm around me,
A hive of honey bees.
I say,
It's the fire in my eyes,
And the flash of my teeth,
The swing in my waist,
And the joy in my feet.
I'm a woman
Phenomenally.
Phenomenal woman,
That's me.
Men themselves have wondered
What they see in me.
They try so much
But they can't touch
My inner mystery.
When I try to show them
They say they still can't see.
I say,
It's in the arch of my back,
The sun of my smile,
The ride of my breasts,
The grace of my style.
I'm a woman
Phenomenally.
Phenomenal woman,
That's me.
Now you understand
Just why my head's not bowed.
I don't shout or jump about
Or have to talk real loud.
When you see me passing
It ought to make you proud.
I say,
It's in the click of my heels,
The bend of my hair,
the palm of my hand,
The need of my care,
'Cause I'm a woman
Phenomenally.
Phenomenal woman,
That's me.

Saturday, August 18, 2012


इक दिल वालों की बस्ती थी


जहाँ चांद और सूरज रहते थे ...








कुछ सूरज मन का पागल था


कुछ चांद भी शोख चंचल था ...






बस्ती बस्ती फिरते थे


हर दम हँसते रहते थे ...






फिर इक दिन दोनो रूठ गए


और सारे सपने टूट गए ...






अब चांद भी उस वक़्त आता है


सूरज जब सो जाता है ...






बादल सब से कहते हैं


सूरज उलझा सा रहता है ...






चांद के साथ सितारे हैं


पर सूरज तन्हा रहता है ...
 


Thursday, August 16, 2012


न्याय विहीन
पर्याय विहीन
समुदाय विहीन

चरित्र विहीन
इत्र विहीन

संकल्प विहीन
विकल्प विहीन .......

इस फिज़ा में
अब जी करता है
स्वास विहीन हो जाऊं

दूर.......
कहीं ......
निर्झर
खामोश
सन्नाटे में
खो जाऊं

पर
समस्याएं दो हैं .............

एक

मेरी इस
निष्प्राण
काया
का
क्या होगा



हिन्दू कहेगा
जल्दी से जला दो
कोई कहेगा
बिजली की भट्टी
में गला दो

इसाई
ताबूत में
दबाना चाहेगा

कोई पानी में
बहाना चाहेगा

तो मुस्लिम
मिट्टी में दबाना चाहेगा

और पारसी
पक्षियों को
खिलाना चाहेगा


यह सब जन्म देगा
इक
नये
द्व्न्द को




.
.
.
.
.
......................
दो


जो कुछ
इस धरा से पाया है
उस-का क्या होगा............

कोई लूटना चाहेगा
कोई बाँटना चाहेगा

हर कोई
अपना हक
उस-में से
छांटना चाहेगा



जिस पर
वास्तव में
किसी का
हक नहीं ...........



उस-का क्या करूं !
.
.
.
.
.
.
.
.
.
................
सोचा
राष्ट्र के नाम कर दूं



पर
राष्ट्र है कहाँ
दिमाग घुमा दिया
सब जगाह...........


कोई इन समस्याओं का
हल बता दे


तो मैं
शान्ति से ...............युक्त हो जाऊं
इस जीवन से ............. मुक्त हो जाऊं

और
बताने वाले का
जन्म जन्मान्तर का
भक्त हो जाऊं






Monday, August 13, 2012


ਮੇਹਰਬਾਨ ਹੋ ਕੇ ਸਾਨੂ ਦੇ ਦਰਸ਼ਨ
ਛਡ ਜਾਲਮਾਂ ਜੁਲਮ ਦੀਯਾਂ ਰੀਤੀਯਾਂ ਨੂੰ
ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਅੰਦਰ ਰਾਤਾਂ ਲੰਘਿਯਾਂ ਨੇ
ਉਮਰਾਂ ਗੁਜ਼ਰ ਗਯਿਆਂ ਨੀਂਦਾਂ ਲਿਤ੍ਤਿਯਾੰ ਨੂੰ


ਸਚ ਕਹਨਾ
ਭਾਈ
ਸਚੀਂ ਸਖ੍ਤਿਯਾੰ ਸਭੇ ਭੁਲਾ ਦਿਯਾਂਗੇ
ਜੇ ਕਰ ਪੁਛ ਲੇੰ ਸਾੜਿਯਾੰ ਬੀਤੀਯਾਂ ਨੂੰ
'ਘਾਯਲ ' ਆਖਦਾ ਆ ਬਹੋ ਬਗਲ ਅੰਦਰ
ਬੜੀ ਦੇਰ ਹੋ ਗਯੀ ਗੱਲਾਂ ਕੀਤੀਯਾਂ ਨੂੰ

ਉਂਜ ਤੇ ਸਾਰੇ ਜ਼ਮਾਨੇ ਨੂੰ ਸਮਝਦਾ ਵਾਂ
ਆਉਂਦੀ ਸਮਝ ਨੀਂ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਜੂਰ ਕੀ ਏ
ਯਾ ਤੂੰ ਗਲੇ ਲਗ ਜਾ ਯਾ ਤੂੰ ਗਲਾ ਵੱਡ ਦੇ
ਦੋਹਾਂ ਗੱਲਾਂ ਚੋੰ ਤੈਨੂ ਮੰਜੂਰ ਕੀ ਏ

ਜੇ ਤੂੰ ਆਖਿਯਾ ਤੇਰੀ ਮੈਂ ਗਲੀ ਆਏਯਾ
ਧੱਕੇ ਮਿਲੇ ਤਾਂ ਮੇਰਾ ਕਸੂਰ ਕੀ ਏ
ਇਸ਼ਕ ਦਸਤੂਰ ਤਾਂ ਮੈਂ ਜਾਂਦਾ ਵਾਂ
ਪਰ ਨੀਂ ਜਾਂਦਾ ਤੇਰਾ ਦਸਤੂਰ ਕੀ ਏ

ਤੇਰੀ ਵੇਖ ਤਸਵੀਰ .....ਤਸਵੀਰ  ਹੁੰਨਾ
ਮੈਨੂ ਖੁਸ਼ੀ ਤੋਂ ਖੁਸ਼ੀ ਵਿਖਾਲਦਾ ਰਹੋ
ਓਏ ਉਰਾਂ ਰਓ ਯਾ ਪਰਾਂ ਪਰਵਾਹ ਕੋਈ ਨੀ
ਬਾਸ ਦਿਲੋਂ ਮੇਹਰਮ ਮੇਰੇ ਹਾਲ ਦਾ ਰਹੋ
ਹੱਸ ਬੋਲ ਕਲੋਲ ਕਰ ਨਾਲ ਮੇਰੇ
ਸੀਨੇ ਦੁਸ਼ਮਨਾਂ ਦੇ ਅੱਗ ਬਾਲਦਾ ਰਹੋ

ਰੱਜ ਰੱਜ ਜਾਵਾਨਿਯਾਂ ਮਾਨ ਚੰਨਾ
ਉਮਰ ਵਿਚ੍ਹ ਤੇਰਾਂ ਚੌਦਾਂ ਸਾਲ ਦਾ ਰਹੋ


सूरज की रौशनी से ही चाँद जगमगाता है
अगर सूरज न हो तो चाँद की कोई औकात नहीं
चाँद तो बच्चा है जो तारों से मन बहलाता है
सूरज प्रौढ़ है, परिपक्क है,
उसी के कारण दुनिया
चल रही है
जिस दिन सूरज ठंडा पड़ गया
दुनिया ख़तम हो जाएगी
नाशत हो जायेगी
तब ना चाँद होगा ना तारे
सब फिरेंगे मारे मारे

Saturday, August 11, 2012

ਰੋਜ਼ ਮੇਰੇ ਖਵਾਬ ਵਿਚ ਆਯਾ ਕਰੋ ..
ਜਿੰਦਗੀ ਨੂ ਦਰਦ ਦੇ ਜਾਯਾ ਕਰੋ


ਜਿੰਦਗੀ ਨੂ ਜਿੰਦਗੀ ਦਾ ਵਾਸਤਾ 
ਬੇ -ਗੁਨਾਹਾਂ ਨੂ ਨਾ ਤਾੜਪਾਯਾ ਕਰੋ 



ਏਸ  ਥਾਂ  ਤੇ  ਹਾਸਿਯਾਂ ਦੀ ਹੈ ਸਜਾ 
ਦੋਸਤੋ ਬਹੁਤਾ ਨਾ ਮੁਸ੍ਕਾਯਾ ਕਰੋ 

ਜੁਲਮ ਮੇਰੇ ਤੇ 
ਤੇ ਗੈਰਾਂ ਤੇ ਕਰਮ 

ਆਪਨੇ ਹਾਂ 

ਕੁਝ ਤਰਸ ਖਾਯਾ  ਕਰੋ 

ਮੈਨੂ ਕਰ ਕੇ 'ਘਾਯਲ'
ਜਖਮ ਜੋ ਦਿੱਤੇ ਤੁਸਾਂ 

ਮਰਹਮ ਜੇ ਨਹੀਂ 
ਲੂਣ ਨਾ ਪਾਯਾ ਕਰੋ

जिस  की  हद  हो  वोह  दर्द  नहीं  होता 
काँटा  कभी  
शूल  से  कम  नहीं  होता 
हद  से  गुज़र  कर  ही  तो 
महसूस  होता  है  दर्द 
मेरे  दोस्त 

हद  में  रह  कर  तो  
कभी  दर्द  नहीं  होता