मुझे कुछ कहना है
किसे कहूं
कैसे कहूं
किन अलफ़ाज़ से कहूं
जज़्बात ...l
लफ़्ज़ों के मोहताज़ नहीं
तो जज्बातों को बयान
कैसे करूँ
इक शोख हसीं ....
मुकाम आया है
जेहन में
तेरा नाम आया है
डरता हूँ लब तक लाने से
सुन कर तुम्हारे रूठ जाने से
कैसे तुम्ही से
तुम्ही की बात कहूं
किसे कहूं
कैसे कहूं
किन अलफ़ाज़ से कहूं
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