BE-NOOR
Saturday, August 11, 2012
जिस की हद हो वोह दर्द नहीं होता
काँटा कभी
शूल से कम नहीं होता
हद से गुज़र कर ही तो
महसूस होता है दर्द
मेरे दोस्त
हद में रह कर तो
कभी दर्द नहीं होता
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