Monday, May 13, 2013


बंद आँख से दीदार का सरूर ही कुछ और है
खामोश लबों की बातें कुछ ज्यादा असरदार होती हैं

मज़ा बढ़ जाता है जब यादों में दीदार हो जाता है
दिल को सुकूं मिल जाता है जब भूल कर भी याद वो आता है

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