Sunday, June 15, 2014

में एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जिसमे नारी को गाय गंगा गोदावरी
माना जाता है
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में एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जिसमे माँ बहन और बेटियों
को पूजा जाता है
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में एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जिसमे लक्ष्मी पार्वती और सीता
नारी में वास करती है
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में एक ऐसे समाज का हिस्सा हूँ जिसमे नारी बचाने के लिए
आदमी अपनी जान तक दे देता है
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परन्तु आज वो समाज कहाँ है और वो हिस्सा कहाँ है
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जो अपने समाज की नारी की इज्ज़त को पल पल लूट रहा है
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ऐ खाकी और सफ़ेद पोशाख वालों शर्म करो
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दिल्ली तुमारी अपनी है उसमे रहने वाली माँ बहन बिटिया अपनी है
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समय रहते बचालो अपने घर की इज्ज़त को
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वरना वो दिन दूर नही जब कोई दरिंदा आयेंगा
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तुम्हारे सामने तुम्हारी माँ बहन को नोच खायेगा
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और तुम हाथ में डंडा सर पे टोपी होने के बाद भी कुछ कर नही पायेगा
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जब भी दखेगा तू आईना तो शर्म से अपनी सूरत देख के मर जायेगा
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और कहेगा या मेरे मोला ये दिन भी तुमने दिखा दिये मुझको
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शर्म करो ऐ दिल्ली वालों अब तो कुछ करने की बारी आई है .
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दिखा दो तुम्हारे हाथों में चूड़ी नही है
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एक बहन की राखी बांध ने वाली कलाई है ...............

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