Sunday, April 21, 2013

मैं वक्त हूँ............मुझ से वफा की उम्मीद मत करना


मैं बेवफा हूँ 
मुझ से वफा की उम्मीद मत रखना 


मैं वक्त हूँ 

हँसते हुओं को रुलाना 
रोने के चाहवान को रोने न देना 
मेरा प्रियतम शुगल है


मैं वक्त हूँ

मरहम जो मांगे 
उसे मरहूम कर दूं 

उसी के उसको उससे जुदा होने पर मजबूर कर दूं 

और फिर लगाऊं मरहम नमक की 
पीछे बचे उसके अपनों को 
और जो चीखना चाहें तो लब खामोश कर दूं 

मैं वक्त हूँ

मैं बेवफा हूँ 
मुझ से वफा की उम्मीद मत करना 

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