गम को ख़ुशी में जो बदल सकता है
लेफ्ट को राईट ..
और राईट को लेफ्ट कर सकता है
रौंग जो किसी को भी न रहने दे ...
जुलम ...
दुःख ...
तकलीफ ...
किसी को अकेले न सहने दे ...
शब्दों को जो
कागज़ की धरती से उठा ..
हकीकत की धरती
पर ले आता हो ...
बेगानों से भी
जिस -का ...
बहुत नज़दीक का नाता हो ...
घायल ...
उसी बेवकूफ का ...
नाम है ....
हाँ ..जी ...हाँ ...
घायल ...उसी बेवकूफ का ...नाम है ....
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