BE-NOOR
Sunday, September 9, 2012
मंज़िल मौत है और मैं . . . सफर में हूँ
मिट्टी
का
जिस्म ले के
पानी के घर में हूँ
.
.
.
मंज़िल मौत है
और मैं
.
.
.
सफर में हूँ
.
.
.
होगा कत्ल मेरा
मालूम है
लेकिन
खबर नहीं
किस कातिल
कि नजर में हूँ
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