उस महा नायक नहीं
महा नालायक को तो
मिला राष्ट्र-पिता का सम्मान
उसको क्या मिला
जिसने ताशकंद में
लुटाई अपनी जान
क्या है भारत की शान
टुकड़ा-टुकड़ा
हो गया हिन्दोस्तान
कृपा की महान.............
जय गाँधी......जय गाँधी.........महान
उस करमचन्द के बच्चे
पर मैं जाऊं वारी-वारी
जिसके सदके आज
आतंकवाद बना
सब से बड़ी बीमारी
ना भारत-पाक का बंटवारा होता
ना ताशकंद में शास्त्री मारा होता
ना कश्मीर के मसले ने
सांप जैसा सर उभारा होता
आतंक और आतंकवाद जहां से
पनप रहा है
वो और कुछ नहीं
बापू का दिया तोहफा है
जो हर पल खनक रहा है
भारत-पाक बंटवारे को अगर
शुरू में ही पनपने ना देते
तो आतंकवादी कहाँ से
जनम लेते
आज गाँधी जयंती की जगह
तालिबान जयंती मनाई जानी चाहिए
बापू को सच्ची श्रदांजली तभी होगी
जब
जय हो तालिबान-जय हो तालिबान
की गूँज सरे आम होगी
जय गाँधी
जय गाँधी
.
.
भूल जाओ शास्त्री
शास्त्री का क्या है
जो शास्त्र पढ़ ले वो शास्त्री
गाँधी बनो ....बनो गाँधी
किसी ने ठीक ही कहा है
वाह रे गाँधी
कैसी चली तेरी आंधी
आया था लंगोट में
जा बैठा
100-500 और
.
.
.
1000 के नोट में
हाथ की लाठी को बनाया
राजनीती की काठी
भगत सिंह का बलिदान
शास्त्री की जान
भारत की शान
सब खा गया
बापू महान
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